June 2, 2023
Badminton Mein Kitne Khiladi Hote Hain

बैडमिंटन में कितने खिलाड़ी होते हैं ? | Badminton Mein Kitne Khiladi Hote Hain

Badminton Mein Kitne Khiladi Hote Hain :-  भारत में काफी समय से ही कई अलग-अलग प्रकार के खेल खेले जा रहे हैं, जिनमें से एक लोकप्रिय खेल बैडमिंटन भी है।

बैडमिंटन केवल भारत का ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया का ही सबसे लोकप्रिय खेल है। परंतु आज भी कुछ लोग देश में ऐसे हैं जिन्हें बैडमिंटन खेल के बारे में जानकारी नहीं है और वह नहीं जानते हैं, कि बैडमिंटन में कितने खिलाड़ी होते हैं ?

तो चलिए आज के इस लेख के माध्यम से हम बैडमिंटन के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी प्राप्त करते हैं और साथ ही जानते हैं, कि Badminton Mein Kitne Khiladi Hote Hain ?


बैडमिंटन में कितने खिलाड़ी होते हैं ? – Badminton Mein Kitne Khiladi Hote Hain

बैडमिंटन में कुल दो खिलाड़ी या 4 खिलाड़ी होते हैं। क्योंकि बैडमिंटन का मैच दो तरह से खेला जाता है। एक सिंगल और एक डबल फुलस्टॉप सिंगल मैच के अंतर्गत 2 खिलाड़ी होते हैं, जो कि एक-दूसरे के आमने-सामने होते हैं।

यानी कि बीच में नेट लगा होता है और नेट के एक तरफ एक खिलाड़ी और नेट के दूसरी तरफ दूसरा खिलाड़ी होता है।

इसी तरह बैडमिंटन के डबल मैच में 4 प्लेयर्स होते हैं। यानी कि नेट के एक तरफ दो खिलाड़ी और नेट के दूसरी तरफ भी 2 खिलाड़ी होते हैं।


बैडमिंटन क्या है ?

बैडमिंटन एक लोकप्रिय खेल है, जिसे रैकेट और शटल के माध्यम से खेला जाता है। यह पूरी दुनिया में खेला जाने वाला सबसे लोकप्रिय खेल है। यहां तक कि यह खेल ओलंपिक में भी खेला जाता है। इस खेल के अंतर्गत एक कोर्ट रूम होता है जिसके बीच में नेट लगा होता है।

नेट के दोनों तरफ 11 खिलाड़ी या 22 खिलाड़ी होते हैं। यह दोनों खिलाड़ी शटल कॉक यानी चिड़िया को रैकेट के माध्यम से एक दूसरे की तरफ देखते हैं। तो इस तरह से खेले जाने वाला खेल ही बैडमिंटन कहलाता है।


बैडमिंटन का इतिहास

बैडमिंटन की शुरुआत सबसे पहले 19वीं सदी में की गई थी। ब्रिटिश शासन के समय ही भारत में यह खेल सबसे पहले पुणे में ब्रिटिश अफसरों के द्वारा खेला जाता था इसीलिए इस खेल को पूनाई के नाम से भी जाना जाता है।

शुरुआत में लोग बैडमिंटन को चिड़िया यानी शटल कॉक के साथ नहीं बल्कि उनके गोले के साथ खेलते थे। और उस समय यह खेल ठंड के समय खेला जाता था।

लेकिन बाद में उनके गले की जगह शटल कॉक लाया गया और इसे शटल कॉक के साथ खेला जाने लगा।

इस खेल की शुरुआत ऐसे तो भारत में हुई लेकिन बाद में रिटायरमेंट के बाद कुछ अधिकारियों द्वारा इस खेल को इंग्लैंड ले जाया गया और वहां पर ही इसके नियम बनाए गए।

सभी तरह के नियम बनाए जाने के बाद 1860 में इस खेल पर एक पुस्तक भी लिखी गई थी। फिर बाद में इसे एक नया खेल मानकर 1873 में इसका नाम बैडमिंटन का खेल रखा गया। सिर्फ अधिकारिक तौर पर केवल इसका नाम बैडमिंटन कर दिया गया।

पहले तो इस खेल को केवल एक सामान्य खेल की तरह खेला जाता था लेकिन 13 सितंबर सन 1893 को पहली बार यह खेल इंग्लैंड मैं स्थित एक नंबर नामक भवन मे खेला गया। धीरे-धीरे 1899 ईसवी में ऑल इंग्लैंड ओपन बैडमिंटन चैंपियनशिप की भी शुरुआत हुई जो की सबसे पहली बैडमिंटन प्रतियोगिता थी।

फिर धीरे-धीरे 1934 में या कनाडा, डेनमार्क, इंग्लैंड, फ्रांस, नीदरलैंड, न्यूजीलैंड, इत्यादि शहरों में विकसित हुआ और वेल्स इस खेल के संस्थापक बने। उसके बाद 1936 में यह खेल भारत में भी खेला गया और अब इस खेल का संचालन भी BWF द्वारा किया जाता है।


बैडमिंटन खेल के नियम

बैडमिंटन खेल का बहुत ही आसान नियम है। इसका नियम सबसे पहले इंग्लैंड में बनाया गया था। फिर 1893 में इसके बहुत सारे नियमों को बदला गया और आज उसी नियमों से खेला जाता है।

  1. बैडमिंटन खेल खेलने के लिए सबसे पहले टॉस किया जाता है और जो भी टीम टॉस जीत भी है वह यह निर्धारित करती है कि सबसे पहले सर्विस कौन सी टीम करेगी।
  2. अब कोई भी एक टीम सबसे पहले अपने रैकेट के माध्यम से शटल कॉक को सर्व करती है और अपने विरोधी टीम की तरफ उस शटल कॉक को धकेल ती है या फेक ती है। अगर दूसरी टीम उस शटल कॉक को हिट नहीं कर पाती और शटल कॉक नीचे गिर जाती है तो दूसरी टीम दी जाती है और उसके खाते में पॉइंट चले जाते हैं।
  3. बैडमिंटन का खेल एक आयताकार कोर्ट में खेला जाता है और उस आयताकार कोर्ट में भी रेखाएं खींचकर लाइन की एक सीमाएं बनाई जाती है। अगर खिलाड़ी उस सीमा के बाहर जाकर शटल कॉक को हिट करता है तो वह फाउल माना जाएगा।
  4. बैडमिंटन के खेल में तीन राउंड होते हैं। हर राउंड में टीम अपनी साइड बदलता है। यानी कि अगर कोई खिलाड़ी नेट के दाएं तरफ खड़ा है तो अगले राउंड में वह नेट के बाएं तरफ खड़ा होगा।
  5. जो भी टीम इन तीन राउंड में से दो राउंड जीत जाती है उसे विजेता घोषित किया जाता है।
  6. तीन राउंड के साथ-साथ इस खेल में 21 पॉइंट भी होते हैं। इन 21 पॉइंट में जिस भी खिलाड़ी के ज्यादा पॉइंट होते हैं, वह खिलाड़ी या टीम विजेता मानी जाती है।
  7. कई बार इस खेल में ऐसा भी होता है कि कोई बैडमिंटन का गेम 29 पॉइंट तक चला जाता है। यदि यह गेम इतने पॉइंट तक जाता है तो गोल्डन प्वाइंट के माध्यम से उस गेम का विजेता तय किया जाता है।

बैडमिंटन से संबंधित खिलाड़ी कौन है ?

भारत में कई बैडमिंटन के खिलाड़ी हैं, जिनका नाम इस प्रकार है :-

  • साइना नेहवाल
  • पीवी सिंधु
  • ज्वाला गुट्टा
  • अर्पणा पोपट
  • नंदू नाटक
  • श्रीकांत किदांबी
  • प्रकाश पादुकोण
  • अश्विनी पोनप्पा
  • पुलेला गोपीचंद
  • पारुपल्ली कश्यप, इत्यादि।

FAQ’S :- 

प्रश्न 1बैडमिंटन के जनक कौन हैं ?

उत्तर - बैडमिंटन का जनक ड्यूक को कहा जाता है, क्योंकि 18 सो 73 में इन्होंने ही इंग्लैंड में सबसे पहले बैडमिंटन खेल की शुरुआत की थी।

प्रश्न 2बैडमिंटन खेल का पुराना नाम क्या है ?

उत्तर - बैडमिंटन खेल का पुराना नाम पूर्ण आई है। इसकी शुरुआत सबसे पहले पुणे में ब्रिटिश अफसरों द्वारा शुरू 
की गई थी, इसका इसीलिए इसका नाम सुनाई पड़ गया।

प्रश्न 3बैडमिंटन को हिंदी में क्या बोलते हैं ?

उत्तर - ऐसे तो बैडमिंटन को केवल बैडमिंटन ही कहा जाता है। परंतु कई बार इससे लोग हिंदी में चिड़िया बल्ला कहते हैं।

प्रश्न 4बैडमिंटन कोर्ट की लंबाई कितनी होती है ?

उत्तर - बैडमिंटन कोर्ट आयताकार होता है, जिसकी लंबाई 44 फीट और चौड़ाई 17 फीट होती है। वहीं अगर बैडमिंटन 
का डबल मैच हो रहा है तो कोर्ट की लंबाई 44 फीट और चौड़ाई 20 फीट होगी।

निष्कर्ष :- 

आज के इस लेख में हमने जाना, कि Badminton Mein Kitne Khiladi Hote Hain ?

उम्मीद है, कि इस लेख के माध्यम से आपको बैडमिंटन खेल से संबंधित कई नई जानकारियां पता चल गई होंगी। यदि आप इस खेल से संबंधित कोई अन्य जानकारी पाना चाहते हो, तो हमें कमेंट करें।


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